Dargah Bitho Sharif | हजरत सैयद शाह मोहम्मद अशरफ उर्फ शाह चाँद अशरफ रहमतुल्लाह अलैह दरगाह बिथो शरीफ


हजरत सैयद साहब मोहम्मद अशरफ उर्फ शाह चाँद अशरफ रहमतुल्लाह अलैह 


हजरत सैयद शाह मोहम्मद अशरफ उर्फ शाह चाँद रहमतुल्लाह अलैह की जात ग्रैमी मशाईख अजम कि सफ में बरी मुमताज थी जिनकी जात-पाक से ऐसे ऐसे कारनामे रोशन हुए हैं जो तारीख विलायत का हिस्सा बन गए हैं आप पैदासी वली थे | 

हजरत सैयद शाह चाँद रहमतुल्ला अलैह हजरत शाह हाजी हादी अशरफ रहमतुल्लाह अलैह के छोटे फ़रजंद थे आपकी विलादत तकरीबन 1272 ई में हुई थी आपका पूरा नाम हजरत मोहम्मद अशरफ था लेकिन शाह चाँद के नाम से आप खलक में मशहूर थे आपके चाचा यानी हजरत हाजी हादी अशरफ रहमतुल्ला अलैह के बरादर हकीकि हजरत सैयद शाह नवाजिश रसूल अशरफ सज्जादानशीं ने आपका नाम चाँद रखा था और फरमाया था कि यह आपने अहद के एक बा कमाल साहब वलायत होंगे आपकी इबतदायी तालीम व तरबियत वालिद बुजुर्गग़वार के जरिए सयह हुए | बचपन से ही आपको सयर वा तफरीह का बहुत शौक था इसलिए आप रूहानी मशगूल से ज्यादा करीब ना रहे लेकिन आपके चाचा हजरत नवाजिश रसूल अशरफ रहमतुल्ला अलैह आपकी बातनह तौर पर रहबरी फरमाते रहे और लोगों को भी या बताते रहे कि चाँद की जिंदगी जाहिर कुछ है और बातन कुछ है ऐसे अहल नजर ही देख सकते हैं हजरत मौलाना नवाजिश रसूल अशरफ रहमतुल्ला अलैह की आप पर बेपनाह नजर इनायत थी जिसकी वजह से ही उन्होंने आपको हजरत मखदूम शाह दुर्वेश रहमतुल्लाह अलैह का जानशीं तस्वीर कर चुके थे | आपको हजरत नवाजिश रसूल अशरफ रहमतुल्ला अलैह से बैयत व खिलाफत का शरफ हासिल हुआ था जब हजरत मौलाना नवाजिश रसूल के विशाल का वक्त करीब आया तो उन्होंने अपने बरादर हजरत हाजी हादी अशरफ को यह हिदायत फरमादी थी के शाह चाँद को हजरत मखदूम दुर्वेश अशरफ की पसंद सज्जादगी व जानशिनी आता करना और मेरी डखतर बीबी मना से अकद कर देना | हजरत नवाजिश रसूल अशरफ का विशाल आपके दिल पर बड़ा शाक गुजरा | हालांकि बाद विशाल भी हजरत नवाजिश रसूल अशरफ आप की अलूम मारफत व तरिकत में बातनह तौर पर रहनुमाई फरमाते रहे  | 

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